Welcome to my poetry blog !!

Welcome to my wor'l'd of English, Hindi and Punjabi poetry. All my works are registered and copyright protected. No part should not be reproduced in any manner whatsoever and in any part of the world without the written consent.

Thursday, November 21, 2019

लिख डाल


क़लम में स्याही डाल 
लिख डाल 
काग़ज़ पर उँड़ेल हाल 
लिख डाल। 

अनकही कहानियाँ 
तुमको जो सुनानी हैं 
दिल की परेशनियाँ 
करती जो अंदर बवाल
लिख डाल।

दर्द जो सताते हैं 
टीस ले के आते हैं 
साये जो डराते हैं
सारे डर बाहर निकाल 
लिख डाल।

टूटे हुए सपनों को 
बेगाने हुए अपनों को 
दिल में ना रख 
फेंक दे बाहर निकाल
लिख डाल। 

हो सके तो भूल जा 
हो सके तो माफ़ कर 
पर एक बार काग़ज़ पर 
सभी का हिसाब कर 
फिर फाड़ कर हिसाब को 
साफ़ कर कूड़े में डाल 
लिख डाल।

तब नयी कोई बात कर 
ख़ुद से मुलाक़ात कर 
इतिहास की ना बात कर 
नयी शुरुआत कर 
डोर अपनी ख़ुद सम्भाल
तेरी कहानी है बेमिसाल 
लिख डाल।